भारतीय सौर ऊर्जा कंपनियों Waaree Energies और Premier Energies के शेयरों में शुक्रवार को भारी गिरावट देखी गई। यह असर अमेरिका में पारित हुए एक नए टैक्स बिल के कारण हुआ, जिसने क्लीन एनर्जी सेक्टर के लिए सरकारी सब्सिडी में कटौती कर दी है। इस लेख में हम इस बिल के प्रभाव, बाजार की प्रतिक्रिया और भारतीय सौर निर्यातकों पर पड़ने वाले संभावित असर को विस्तार से समझेंगे।
अमेरिकी टैक्स बिल से क्लीन एनर्जी सेक्टर में हलचल
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अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन वाला एक विवादास्पद टैक्स बिल पास किया।
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इस बिल के तहत बाइडेन प्रशासन के इन्फ्लेशन रिडक्शन एक्ट की कई क्लीन एनर्जी सब्सिडी रद्द कर दी जाएंगी।
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इन सब्सिडी में एयर पॉल्यूशन कम करने वाले ग्रांट और इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर मिलने वाले इंसेंटिव शामिल हैं।
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साथ ही, सोलर रूफटॉप सिस्टम लगाने वाले करदाताओं को मिलने वाला 30% फेडरल टैक्स क्रेडिट भी खत्म किया जाएगा।
भारतीय कंपनियों पर प्रभाव: Waaree और Premier Energies के शेयरों में गिरावट
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Waaree Energies के शेयर 11% गिरकर 2,666 रुपये के इंट्राडे लो स्तर पर आ गए।
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Premier Energies के शेयर में भी 6% से अधिक की गिरावट दर्ज हुई और यह 1,017.5 रुपये तक पहुंचे।
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यह गिरावट अमेरिकी क्लीन एनर्जी स्टॉक्स में गुरुवार को आई भारी बिकवाली के कारण आई, जिसमें Sunrun और NextEra Energy जैसे बड़े प्लेयर्स के शेयर 7% से लेकर 37% तक गिरे।
वैश्विक मांग पर खतरा और भारतीय सौर निर्यातकों के लिए चिंताएं
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Waaree Energies का लगभग 57% ऑर्डर बुक विदेशी बाजारों से जुड़ा है, जो Q1 FY26 में करीब ₹47,000 करोड़ था।
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टैक्स बिल की वजह से अमेरिकी क्लीन एनर्जी सेक्टर में निवेश घटने की संभावना है, जिससे वैश्विक मांग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
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इससे भारतीय सौर पैनल निर्माताओं और निर्यातकों के ऑर्डर फ्लो पर दबाव बन सकता है।
टैक्स बिल की स्थिति और आगे का रास्ता
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यह बिल अमेरिकी हाउस में केवल 215-214 के संकरे अंतर से पास हुआ है।
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अब इसे अमेरिकी सीनेट की मंजूरी मिलनी बाकी है, जहाँ इस पर और बहस हो सकती है।
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यदि सीनेट भी बिल को मंजूरी देता है, तो क्लीन एनर्जी सेक्टर की सब्सिडी में व्यापक कटौती होने की संभावना है।
निष्कर्ष
टैक्स बिल के पास होने से अमेरिकी और वैश्विक क्लीन एनर्जी बाजार में अस्थिरता बढ़ गई है। इस स्थिति का असर भारतीय सौर ऊर्जा कंपनियों पर भी स्पष्ट दिख रहा है, जहां Waaree Energies और Premier Energies के शेयरों में तेज गिरावट आई। निवेशकों को इस बदलाव के आर्थिक और बाजार प्रभावों पर ध्यान देना होगा, खासकर उन कंपनियों पर जो निर्यात पर निर्भर हैं।