कन्नूर कुप्पम भूस्खलन: NHAI ने मानी DPR में खामी, 27 मई तक समाधान का वादा

कन्नूर, केरल – 22 मई 2025: कन्नूर ज़िले के कुप्पम इलाके में हाल ही में हुई भूस्खलन की घटनाओं ने लोगों में भारी चिंता पैदा कर दी है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अब इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए स्वीकार किया है कि डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) में खामियां थीं और स्थानीय निवासियों की आशंकाएं सही हैं।

क्या है मामला?

बीते कुछ दिनों से कुप्पम इलाके में भारी बारिश के चलते वाटर लॉगिंग और भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। बारिश का पानी और कीचड़ कुछ घरों में घुस गया, जिससे लोग डरे और नाराज़ हो गए।

स्थानीय लोगों ने राजमार्ग निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए घंटों तक विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि निर्माण प्रक्रिया में वैज्ञानिक तरीकों का पालन नहीं किया गया, जिससे जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं बन पाई।


जनता की मांगें क्या थीं?

प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के सामने निम्नलिखित मांगें रखीं:

  • उचित ड्रेनेज सिस्टम की स्थापना ताकि बारिश का पानी ठीक से निकले

  • जिन घरों को नुकसान पहुंचा है, उन्हें मुआवजा दिया जाए

  • निर्माण में हुई लापरवाहियों की जांच और सुधार हो

  • DPR (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) में हुई तकनीकी गलतियों को ठीक किया जाए


NHAI ने क्या कहा?

NHAI के अधिकारियों ने इन मुद्दों को गंभीरता से लिया है और कहा:

  • DPR में खामियों को स्वीकार करते हैं

  • जल निकासी के लिए पानी को कुप्पम नदी की ओर मोड़ने पर विचार चल रहा है

  • सभी शिकायतों का समाधान 27 मई 2025 तक किया जाएगा

  • एक विशेषज्ञ टीम को स्थल निरीक्षण के लिए भेजा जाएगा


विरोध कैसे खत्म हुआ?

प्रदर्शनकारियों ने पहले राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया था। लेकिन आरडीओ (राजस्व विभाग अधिकारी) द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद कि NHAI की विशेषज्ञ टीम जल्द ही पहुंचेगी और सभी मांगें पूरी की जाएंगी, लोगों ने अस्थायी रूप से विरोध वापस ले लिया।

NHAI और आरडीओ के साथ हुई बैठक में यह भी तय हुआ कि:

  • 27 मई तक प्राथमिक समाधान लागू होंगे

  • नुकसान का मूल्यांकन कर राहत पैकेज तय किया जाएगा

  • स्थानीय लोगों को प्रगति की जानकारी नियमित रूप से दी जाएगी


दो बार हुआ भूस्खलन, अधिकारियों की नींद टूटी

प्रदर्शन के दौरान ही दो बार राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन हुआ, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि समस्या तत्काल समाधान की मांग करती है। इसके बाद प्रशासन और प्राधिकरण हरकत में आए।


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