🔍 IFCI के मार्च 2025 तिमाही परिणाम – एक नजर में
IFCI लिमिटेड, जो भारत सरकार का सार्वजनिक वित्तीय संस्थान है, ने मार्च 2025 की तिमाही के नतीजे जारी किए हैं।
जहां एक ओर कंपनी की कुल बिक्री में तेज गिरावट देखने को मिली, वहीं शुद्ध मुनाफा और EBITDA में सुधार हुआ है।
📊 IFCI तिमाही नतीजे: मुख्य आंकड़े
मानदंड | मार्च 2025 तिमाही | मार्च 2024 तिमाही | सालाना बदलाव |
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नेट बिक्री | ₹413.61 करोड़ | ₹605.42 करोड़ | 🔻 31.68% |
नेट प्रॉफिट (मुनाफा) | ₹227.28 करोड़ | ₹157.32 करोड़ | 🔺 44.47% |
EBITDA | ₹495.49 करोड़ | ₹439.84 करोड़ | 🔺 12.65% |
🧩 इस प्रदर्शन के पीछे क्या वजह रही?
✅ सकारात्मक संकेत
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मुनाफे में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्शाता है कि ऑपरेशनल एफिशिएंसी में सुधार हुआ है।
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EBITDA में बढ़त लागत नियंत्रण या विशेष आय के कारण हो सकती है।
⚠️ चिंताजनक पहलू
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नेट बिक्री में भारी गिरावट – इसका मतलब हो सकता है कि लोन वितरण या ब्याज आय में कमी आई है।
📈 शेयर बाजार में IFCI के नतीजों का असर
🗓️ 16 मई 2025 को स्थिति:
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शेयर प्राइस: ₹51.40
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दिन का उच्च/निम्न: ₹52.78 / ₹44.75
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प्रतिशत बदलाव: 🔺 14.86%
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ट्रेड वॉल्यूम: 8.37 करोड़ शेयर
👉 शेयर की कीमत में तेज उछाल इस बात का संकेत देती है कि निवेशक लाभ में वृद्धि को लेकर सकारात्मक हैं।
🏛️ IFCI क्या करता है? (संक्षेप में)
IFCI लिमिटेड का मुख्य उद्देश्य है:
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उद्योगों को दीर्घकालिक वित्तीय सहायता देना
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इंफ्रास्ट्रक्चर और MSME सेक्टर को फंडिंग
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विशेष स्थितियों में ऋण सुविधा और असेट रिकवरी
सरकारी नीतियों और बजट योजनाओं का IFCI के प्रदर्शन पर सीधा असर पड़ता है।
🧠 विश्लेषकों की राय
“मुनाफे में वृद्धि अच्छी खबर है, लेकिन बिक्री में गिरावट चिंता का विषय हो सकती है। अगर आगे भी यही ट्रेंड रहा, तो कंपनी की स्थिरता पर असर पड़ सकता है।”
— ब्रोकरेज फर्म के विश्लेषक