29 मई को भारत के चार सीमावर्ती राज्यों में मॉक ड्रिल | ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार अलर्ट पर

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। 29 मई को भारत के चार सीमावर्ती राज्यों — गुजरात, राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर — में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। यह अभ्यास किसी भी आकस्मिक हमले, आतंकी घटना या युद्ध जैसी स्थिति में आपातकालीन तैयारी को जांचने के लिए किया जा रहा है।

इस ड्रिल का उद्देश्य है — आम नागरिकों को सुरक्षित निकालना, आपातकालीन सेवाओं की तैनाती, और संबंधित एजेंसियों के बीच तालमेल को मज़बूत करना।


🛡️ मॉक ड्रिल का उद्देश्य क्या है?

मॉक ड्रिल यानी आपातकालीन अभ्यास एक पूर्व नियोजित प्रक्रिया है, जिससे सरकार यह जांचती है कि किसी खतरे की स्थिति में कैसे और कितनी तेजी से प्रतिक्रिया दी जा सकती है।

मुख्य उद्देश्य:


🔥 पृष्ठभूमि: ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ा तनाव

इस मॉक ड्रिल की पृष्ठभूमि में है हाल ही में भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ की गई “ऑपरेशन सिंदूर” नामक जवाबी कार्रवाई।

क्या था ऑपरेशन सिंदूर?

  • 6–7 मई की रात को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) में स्थित आतंकी ठिकानों और सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया।

  • यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हुई थी।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया:

  • पाकिस्तान ने इसके बाद भारतीय सैन्य ठिकानों और शहरी इलाकों पर जवाबी हमले किए।

  • भारत ने फिर कम से कम 9 पाकिस्तानी एयरबेस पर हमला किया, जिनमें रडार और एयर डिफेंस यूनिट्स शामिल थे।

इन घटनाओं के बाद 10 मई को पाकिस्तान ने युद्धविराम की पेशकश की, जिसे भारत ने स्वीकार किया।


📍 किन राज्यों में होगी मॉक ड्रिल?

भारत के चार प्रमुख सीमावर्ती राज्य इस अभ्यास में शामिल हैं:

  1. गुजरात

  2. राजस्थान

  3. पंजाब

  4. जम्मू-कश्मीर

इन राज्यों की सीमाएं पाकिस्तान से लगती हैं, और युद्ध या आतंकी घटनाओं के लिए ये सबसे संवेदनशील माने जाते हैं।


👨‍🚒 कौन-कौन सी एजेंसियां होंगी शामिल?

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, मॉक ड्रिल में निम्नलिखित एजेंसियां हिस्सा लेंगी:

  • स्थानीय प्रशासन और सिविल डिफेंस टीमें

  • पुलिस और सुरक्षा बल

  • आपदा प्रबंधन बल (NDRF / SDRF)

  • मेडिकल स्टाफ और एंबुलेंस सेवाएं

  • फायर ब्रिगेड और अन्य आपातकालीन टीमें

इन सभी के बीच तालमेल, रेस्पॉन्स टाइम, और जनता के साथ संवाद की प्रक्रिया को मापा जाएगा।


📢 नागरिकों के लिए जरूरी चेतावनी

  • मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बज सकते हैं, सुरक्षा बल सड़क पर सक्रिय दिख सकते हैं — घबराने की जरूरत नहीं है।

  • नागरिकों से सहयोग और सतर्कता की अपील की गई है।

  • जो इलाके ड्रिल से प्रभावित होंगे, वहां पहले से सूचना जारी की जाएगी।


🔍 निष्कर्ष: सतर्क भारत, सुरक्षित भारत

भारत की यह मॉक ड्रिल पहल दिखाती है कि देश अब सिर्फ आतंकी घटनाओं पर प्रतिक्रिया नहीं कर रहा, बल्कि सक्रिय तैयारी और सुरक्षा तंत्र को मजबूत कर रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद जो तनाव पैदा हुआ, उसे देखते हुए यह अभ्यास पूरी तरह से जरूरी और समयानुकूल है।

यह सिर्फ सरकार की नहीं, हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है कि ऐसे अभ्यासों को गंभीरता से लें और “सतर्क भारत, सुरक्षित भारत” के विज़न को साकार करें।

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